उपचुनाव का परिणाम तय करेगा मप्र का भविष्य, सत्ता और संगठन में बदलाव के संकेत
पंजाब में आई राजनीति की नई धार का असर मध्यप्रदेश में पड़ने के अनुमान है। पिछले महीने अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। और उसके कुछ दिन बाद ही अमरिंदर सिंह की बीजेपी के वरिष्ठ नेता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लंबी बैठक की चर्चा ने साफ तौर पर संकेत दे दिए कि दोनों का एक साथ आना तय है। कांग्रेस से आए अमरिंदर को बीजेपी ने बिना देरी किए अपने पाले में कर लिया। पूर्व सीएम ने भी सिद्धू पर राष्ट्र सुरक्षा के खतरे का बयानी वार कर सिद्धू को मुखिया गद्दी पर पहुंचने से रोका ही उससे कई ज्यादा अपनी देश भक्ति का परिचय देकर देशभक्ति के सहारे बीजेपी से सांठगांठ कर अपने भविष्य की राजनीतिक जमीन तैयार कर ली। अभी हाल ही में अमरिंदर सिंह ने किसानों को केंद्र में रखकर नई पार्टी बनाने का फैसला किया है। जो किसानों को समर्पित होगी। अमरिंदर की किसान केंद्रित पार्टी नई पार्टी के सहारे बीजेपी अपने खिलाफ हो रहे किसान आंदोलन का हल ढूंढना चाहेगी। जिसका लाभ उसे आगामी चुनाव में मिल सके । एक खबर के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात होने