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Showing posts from March, 2020

हौसलों व विचारों की आंधी -कांशीराम

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का सच्चा उत्तराधिकारी   दलित उभार की राजनीति का  चेहरा बामसेफ ,डी एस4 ,बसपा के संस्थापक   बसपा के साहेब  हरेक राज्य में चाहते थे क्षेत्रीय मुलायम सिंह  उत्प्रेरक महापुरुषों के को-एंजाइम राजनीतिक सत्ता से चाहते  सामाजिक आर्थिक समानता  बहुजनों की सोशल डिपेंडेंसी का हो अंत  बहुजनों को आत्मसम्मान आत्मनिर्भर स्वाभिमान से जीना सिखाया  बाबा साहब की "पॉलिटिक्स की" है मान्यवर की" मास्टर की "  हौसलों और विचारों की आंधी कांशीराम   कार्य करो जैसा जिससे बहुजनों का बढे हौसला  गठबंधन के बजाय समझौते पर करते विश्वास डॉ मनमोहन सिंह ने  कांशीराम  को हमारे समय की राजनीति का प्रबल प्रखर राजनितिज्ञ और  सामाजिक विचारक कहा  मान्यवर  कांशीराम  का जन्म पंजाब प्रांत के रोपड़ जिले के गांव ख़्वासपुर जन्मस्थान पिरथीपुर तोंगा- बोंगा साहब में रामदसिया जाति में  15 मार्च 1934 को हुआ ।उनकी जयंती पर पूरा बहुजन समाज उन्हें दिल से नमन करता है ।उनके पिताजी का नाम हरि सिंह तथा माताजी का नाम बिशन कौर था ।  कांशीराम  एक सामाजिक आंधी जिसने बीएसपी से भारतीय समाज के वट वृक्ष को झकझोर दिया

नेताओं का सामूहिक रखरखाव अपराध की श्रेणी में आए

निर्वाचित प्रतिनिधियों को विशेष जगह रखना अपराध क्यों नहीं? सत्ता कुर्सी के लिए जब राजनीतिक दलों में उठापटक होती है तब जनता द्वारा निर्वाचित  सदस्यों को बिभिन्न दल बंधक बना लेता है ।या यूं कहे उन्हें कहीं रिसोर्ट या  दूसरे राज्य में ले जाया  जाता है ।इन्हें यहाँ इतनी गोपनीयता के साथ ले जाता है कि कभी कभी पता भी नहीं पड़ता ।मीडिया स्रोतों से इनकी गोपनीयता भंग हो जाती है।और इनकी बंधक स्थिति उजागर हो जाती है ।परिन्दों की तरह इनकी आवाजाही बनी रहती है ।अपारदर्शी कांच के चार्टेट प्लेन और चारपहिये के वाहनों में यहां तक पता नहीं चल पाता कि सफेदी पहना कौन सा नेता इसमें मौजूद है । कभी कभी तो ये उठापटक इतनी गोपनीय हो जाती है कि सदस्यों के चाहने वाले उनके अपने घर वालों तक पता नहीं होता जैसा हाल ही में मध्यप्रदेश में हुआ । घर वालों को इनकी जानकारी ना होना, क्या इस गोपनीयता को बंधक अपहरण समझकर  कानून के कठघरे में  खड़ा नहीं करती ।लाखों लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता प्रतिनिधि  की आवाज गले में ही दबा दी जाती है ।उसको रिसोर्ट में बंद कर उसके साथ कैदी की तरह व्यवहार किया जाता है।रिसोर्ट में उनसे  किसी

नाथ के प्रह्लाद बने सिंधिया

मध्यप्रदेश की राजनीति में हफ्तेभर से चल रही उठापटक ने एक नया रूप ले लिया है ।इस रूप ने नाथ सरकार के रंग उड़ा दिए है  वो भी होली के समय,जब  हर कोई एक दूसरे पर खुशहाली सम्पन्नता ,वैभव ,करुणा ,ज्ञान संबृद्धि अहिंसा के रंग एक दूसरे के जीवन में भरते है उड़ेलते है।सिंधिया रंग में कमलनाथ सरकार के साथ कांग्रेस की होली फ़ीकी पड़ गई है। गुरुग्राम ,बेंगलुरु, दिल्ली में विधायकों की मौजूदगी ने  मार्च की सर्दी में  राजनीति गर्माहट पैदा कर दी और कमलनाथ सरकार को भागदौड़ से पसीने छुड़ा दिए । किसानों और युवाओं में दम भरने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को जब लगा की कैसे नाथ  सरकार उन्हें तवज्जों नहीं दे रहीं ।जबकि किसान और युवा दोनो ही पीड़ित है। इनकी समस्याओं को लेकर जब सड़क पर उतरे तो सरकार ने सुनने की अपेक्षा उकसाकर  सड़क पर उतरने की नसीहत के साथ उनके संघर्ष की अनसुनी कर दी।वैसे सिंधिया की अनसुनी राज्य और आला केंद्र नेतृत्व सरकार बनने से ही कर रहा था ।यह सिलिसला सातवें आसमान पर तब और पहुँच गया जब सिंधिया लोकसभा चुनाव हार गए।राज्य में  बार बार  बेइज्जती अनसुनी लगातार खटकने लगी ।उनके हाथ से एक के बाद एक मौका तूफान

अवसरों पर टिकी है सम्मान सुरक्षा और अधिकार

अतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की सभी देशवासियों को शुभकामनाएं। आजादी के आठवें दशक में असभ्य समाज को सभ्य समाज बनकर महिलाओं की प्रगति के लिए  सभी रास्ते प्रदत्त करने होंगे।सामाजिक शैक्षिणिक राजनीतिक आर्थिक मार्ग में कहीं कोसों दूर पिछड़ी  महिलाओं को आगे आने का अवसर देना होगा। ये अवसर समाज को मन बुध्दि व्यवस्था से देने चाहिए ।ताकि घर में कोल्हू के बेल की मानिद पर खटकती महिला रसोई में बेलन चलाने को छोड़कर सरकार चलाए और व्यवस्था में अपनी हिस्सेदारी दर्ज करें। जो कहते है आज महिला पुरुष बराबर है वो समाज में महिलाओं को गुमराह कर रहे है ।क्योंकि देश में 32 मुख्य सचिवों में से केवल 1 महिला है ,केंद्रीय सरकार में 88 सचिव रैंक के अधिकारियों में से केवल 11 महिलाएं है।।न्यायपालिका में सत्तर सालों के सम्पूर्ण इतिहास में सुप्रीम कोर्ट में केवल 8 महिला जस्टिस अभी तक बन पाई है ।देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में महिला न्यायाधीशों की संख्या  73 है जो 11 परशेंट  से भी कम है।केंद्र की मोदी सरकार में महिला मंत्रियो की संख्या 58 में से 6 है । मध्यप्रदेश राज्य सरकार में  28 मंत्रियो में से महिला मंत्रियो की संख्या