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Showing posts from November, 2019

स्त्री शिक्षा के अग्रदूत -महात्मा फुले

आज 28 नवंबर को महान भारतीय विचारक, समाज सेवक दार्शनिक व लेखक ज्योतिराव गोविंदराव फुले  की पुण्यतिथि है जिन्हें लोग उनके महत्वपूर्ण सामाजिक योग्दान और  सामाजिक कल्याण के कारण  महात्मा फुले से जानते है । ओबीसी समाज में जन्मे महात्मा फुले जाति से माली थे  जिनका पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव गोल्हे था ।बाद में उनका नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले पड़ गया ।  महात्मा के नाम में फुले फूल बेचने के कारण पड़ा।  धर्म ,समाज और परंपराओं के सत्य को सामने लाने हेतु ज्योतिबा फुले ने गुलामगिरी, तृतीय रत्न, छत्रपति शिवाजी, राजा भोंसले का पखड़ा, किसान का कोड़ा, अछूतों की कैफ़ियत जैसी अनेकों किताबे लिखी ।उनकी सार्वजनिक सत्य धर्म किताब निधन के बाद 1891 में प्रकाशित हुई ।  24 सितंबर1873 में ज्योतिराव फुले ने सत्यशोधक समाज की स्थापना की। नारी और निर्बल लोगों के कल्याण के लिए अनेक कार्य किए। शिक्षा से वंचित स्त्री और समाज के सभी वर्गों को शिक्षा मिले इसके लिए हमेशा कार्य करते रहे। स्त्री शिक्षा की प्रबल समर्थक थे। हजारों सालों से शिक्षा से वंचित दलित और नारी को  शिक्षा ग्रहण करने की प्रेरणा  देते रहे  ।वंचित वर्ग में

संविधान दिवस मनाएंगे अपने अधिकार जानेंगे

26 नवम्बर 1949 एक ऐतिहासिक दिन जो भारत के इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया ।इस दिन ऐसा कार्य हुआ जो भारत के इतिहास प्री वैदिक हिस्ट्री से लेकर ब्रिटिश हुकूमत की समाप्ति तक नहीं हुआ। इस दिन भारत का स्वर्णिम भविष्य लिखा गया भारत ने एक नए दौर में प्रवेश किया। इस दिन हमने भारत को एक संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य राष्ट्र बनाया ।श्रमण, वैदिक काल से होते हुए बुद्धिस्ट इंडिया, इस्लामिक  और ब्रिटिश भारत में लोगों को मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा गया। इस बीच कई अच्छे अच्छे धर्म भारत में आए लेकिन किसी भी रिलीजन ने राइट की गारंटी नहीं दी ।इसको ध्यान में रखकर संविधान सभा ने अधिकारों को कानूनी पायजामा पहनाकर संविधान के रूप में भारत के नागरिकों को प्रदान किये ।संविधान में शासन व्यवस्था और प्रबंध के साथ ,समान स्वतंत्र न्याय की व्यवस्था है ।राष्ट्र का अपना कोई धर्म नहीं है लेकिन सभी धर्मों का सम्मान अपेक्षित है ।भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा  कम समय में बना हुआ बेस्ट फ़ीचर वाला संविधान है ।संविधान सभा ने करीब 3 साल में  इसे पूर्ण रूप दिया लेकिन बाबा साहिब  डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षत

रंगहीन से रंगीन टीवी का बदलता दौर और स्क्रीन

अंग्रेजी के टेलीविजन शब्द का ओरिजिन ग्रीक शब्द टैली और लैटिन शब्द विजन से मिलकर हुआ है टैली का अर्थ है दूरी पर  (फॉर ऑफ) विजन  का अर्थ है देखना अर्थात जो दूर की चीजों का दर्शन कराएं वह टेलीविज़न  जिसके जरिए दूर घटित घटनाओं को घर बैठे देख पाना ही टीवी का कमाल है..टेलीविज़न से हम घर के कोने में बैठकर दुनिया के किसी भी कोने में घटी घटना का प्रत्यक्षदर्शी बन जाते है। ये संचार का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम है जिसका आविष्कार 26 जनवरी 1926 को स्कॉटलैंड के जॉन लोगी बेयर्ड ने किया । टेलीविज़न शब्द का सर्वप्रथम उपयोग रशियन साइंटिस्ट कांस्टेंटिन परस्कायल  ने किया ...टेलीविज़न से विश्व पर पड़ने वाले प्रभाव और उसके बढ़ते योगदान से होने वाले परिवर्तन को ध्यान में रखकर ..17 दिसम्बर 1996 को  सयुक्त राष्ट्र सभा ने 21 नवम्बर को  वर्ल्ड टेलीविज़न डे  के रूप मनाने  की घोषणा की ...वैसे तो   अमेरिका में 1941से टीवी प्रारंभ हुई  जो ब्लैक एंड व्हाइट थी...इसके एक दशक बाद 1953 में संयुक्त राज्य अमेरिका में  सबसे पहले कलर टेलीविजन की शुरुआत हुई  जबकि भारत में पहली बार टीवी की शुरुआत  15 सितंबर 1959 को हुई ..इस  ब्लैक एंड