सिंधिया को संगठन चाबी या सत्ता कुर्सी

सूत्रों के हवाले से मध्यप्रदेश में कर्नाटक की तर्ज पर नाथ सरकार पर मंडरा सकता है संकट। प्रदेश में  सत्ता की राह देख रही बीजेपी एक बार फिर से राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शाह के नेतृत्व में बीजेपी सरकार बनाना  पसंद करेगी। लेकिन इसके बदले में राज्य की कमान सिंधिया को सौंपी जा सकती है। सिंधिया को महाराष्ट्र की कमान सौंपे जाने से नाराज सिंधिया खेमा कमलनाथ सरकार को मुसीबत में डाल सकता है। सिंधिया  समर्थकों से जब चर्चा की तो समर्थकों का कहना था कि विधानसभा चुनाव में महाराज ने जी तोड़ मेहनत की, सार्थक नतीजे आए ।और महाराज को एक के बाद एक झटके दिये जा रहे है। उन्हें अपने ही राज्य की राजनीति से  षडयंत्रपूर्वक बेदखल किया जा रहा है ।और बाहर भेजा जा रहा है। उनका  साफ कहना है कि महाराज  को अपने प्रदेश  की  कमान सौंपना चाहिए ।कुछ समर्थकों का कहना था कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय की तरह राज्य से बेदखल किया जा रहा है। हम इसे  सहन नहीं करेंगे ।आने वाले नगर निगम के चुनावों में इसका परिणाम देखने को मिल जाएगा। सिंधिया  समर्थकों  में कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी और मंत्री इमरती देवी ने मध्य प्रदेश की बागड़ोर देने की बात आलाकमान से की है ।यदि फिर भी  कमान नहीं दी जाती तो आक्रोश से भरा बैठा खेमा  इस्तीफा देकर कर्नाटक  जैसे  सत्ता संकट  मध्यप्रदेश में खड़े हो सकते हैं ।वहीं 370 हटाने में अमित  शाह बीएसपी समर्थन लेने में कामयाब हुए ।बीजेपी  समर्थन लेने में  यहां भी कामयाब हो जाएगी ।वैसे भी दलित वोटर सरकार से नाराज है ।क्योंकि इनका  कहना था कि 2 अप्रैल  के भारत बंद के आह्वान  पर दर्ज  केस ।सरकार 8 महीनों  में खत्म नहीं कर पाई ।जबकि  सरकार बनने पर  वापस लेने का झूठा वादा किया गया था। इस बात को लेकर दलित आलाकमान नेता नाराज है ।कुछ दिन पहले अमित शाह और सिंधिया की  मुलाकात हुई  जो अभी गोपनीयता लिए हुए है ।वैसे भी शाह गोपनीय तेज फैसले लेने और सरकार बनाने में माहिर है ।अब देखना होगा सिंधिया को संगठन की चाबी मिलती है या सत्ता कुर्सी का स्वाद ।

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