जियो जीवन आनंद के साथ ,ये अधिकार आपका

लोकतांत्रिक गणराज्य भारत में नागरिक को महत्वपूर्ण माना गया है। उससे भी ज्यादा  जीवन जीने और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी गई है। ताकि मानवीय गरिमा से जीते हुए देश का हर नागरिक  अपना पूर्ण विकास कर सके।बढ़ते विकास के दौर में कामयाबी को छूने में सहायक है स्वतंत्र जीवन जीने का अधिकार।  एक ऐसा अधिकार जिस पर अन्य सभी अधिकार टिके हुए हैं। कानून, कर्तव्य,अन्य अधिकारों का आधार है यह अधिकार। संविधान के आर्टिकल 21 में गारंटी के रूप में दिया गया मूल्यवान अधिकार है ।यह एक ऐसा अधिकार है जो हरेक व्यक्ति के हर पल को प्रभावित करता है। आनंदित जीवन  को प्रभावित करने वाले  हर मुद्दे से न्यायलय सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें  किसी के दवाब और दखलंदाजी से  तनाव ,निराश,उदास  हताश भरी जिंदगी ना जिये जो उसके विकास में रोड़ा बने।इसके लिए उसे मानवीय प्रतिष्ठा के साथ जीने का अधिकार ,प्रदूषण मुक्त जल एवं वायु में जीने का अधिकार ,हानिकारक उद्योगों के विरुध्द सुरक्षा ,जीवन रक्षा का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार ,शिक्षा का अधिकार अमानवीय व्यवहार के विरुध्द अधिकार ,सरकारी अस्पतालों में समय पर उचित इलाज का अधिकार ,सूचना का अधिकार,शयन का अधिकार आदि सम्मिलित है । भोपाल के काली परेड कारखाने से हुआ मिथाइल आइसोसाइनेट गैस कांड आज भी काली रात को याद दिला देता है। गैस पीड़ितों को देखने पर दिल दिमाग  झकझोंर हो जाते है। रोगड़े खड़े कर देता है यह दर्दनाक हादसा।  लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाला भोपाल गैस कांड  मनुष्य को जीने नहीं देता। गैस से जलती इन लाल आंखों से आज भी दूषित जल के आंसू टपक रहे है ।लंबे कानूनी संघर्ष  के बाद इस अधिकार के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं,पीने योग्य पानी,स्वस्थ आवास उपलब्ध कराए गए है ।जीविका सुचारू रूप से चले इसकी खातिर मुहावजा मुहिम कराया गया है ।  ताकि हँसना हँसाना भूल गए ये लोग ,आने वाले समय को सुख के साथ जी सके। जीवन जियो आनंद के साथ यह आपका अधिकार है ।जिसे भारतीय संविधान ने अपने हर नागरिक को दिया है ।

लेखक
आनंद जोनवार

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