अफवाहों का घर बनाती है फेक न्यूज़

दुनिया में कोरोना जिस तेजी से पैर पसार चुका है उससे कई गुना तेज फेक न्यूज़ फैल रही है । फैलती महामारी में कोरोना ने फेफडो  में पहुँचकर लोगों के सांस भरते जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है वहीं कोरोना से जुड़ी.... झूठी ,बनी बनाई, ,अविश्वसनीय ,जाली खबरों ने जनता को भृमित कर दिया है। इंटरनेट पर कीड़े मकोड़ो की तरह रेंगती हजारों साइट के साथ  सोशल मीडिया पर  संगठित सामूहिक ग्रुपों से उछलती फुदकती ज्वलंत जाली भ्रामक खबरों से लोग भ्रमित होने के साथ साथ भीड़ का शिकार बन रहे है । अपने नजदीकियों से फटाफट शेयर होने वाली ये खबरे भावनाओं के साथ खिलवाड़ और  धोखाधड़ी  करती है ।धोखेबाज द्वारा धोखा देने के इरादे से इन खबरों का प्रसारण किया जाता है ।एक विशेष समय में  कृति की गई इन  नकली खबरों में क्या असली है यह भोलीभाली जनता को समझ    नहीं आता है । बिना आधार की ये ख़बरे तूफान की तरह आती है और समाज में अंधकार मचा के चली जाती है । गलत परपज  से एडिटिंग और प्रसारित की गई भ्रामक उत्तेजित वीडियो फ़ोटो लेखनी फेक न्यूज़ में आती है जिनका कोई  ऑथेंटिक सोर्स नहीं होता ।
ऐसी खबरों से व्यक्ति जल्दी बहक जाता है  इनमें वह अपनी बुद्धि का ठीक ढ़ंग से इस्तेमाल नहीं कर पाता ।और मज़ाकिया अंदाज में गुदगुदाते हुए फॉरवर्ड करता रहता है जिसमें उसे गुडविल का एहसास होता है । सूचनाओं का यह सिलसिला अचानक शुरू नहीं हुआ पहले यह मुँह के शब्दों और ट्रेडिशनल मीडिया में परोसा जाता था और अब डिजिटल संचार में पसर गया है ।फेक न्यूज़ फैलाने वाला छिपा हुआ ढ़ोंगी ही है।जो
गलत अधूरी और विकृत सूचनाओं के दुष्प्रचार को संचारित करता है ।जिसे एक धड़ा कल्पना में अपने हक में जल्दी मान बैठता है ।और संकट के समय की चपेट में आ जाता है ।अवेयरनेस की कमी के चलते यह  मोब लिंचिंग जैसी घटनाओं को जन्म देती है ।कोरोना प्रकोप में जहां सावधानी ,सोशल डिस्टेंसिंग ,सेनेटाइजर और साबुन का बारबार इस्तेमाल कर साफ हाथ और स्वस्थ सेहत बनाने के साथ साथ  ,सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से दूर रहकर देश की कोरोना भगाने  में मदद करे।तुम्हारी सुरक्षा ही देश की सफलता है।


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