बाजारवादी सरकार और उसका लोकतंत्र
कितनी नैतिक है ,खाकी की बर्बरता और बेरहमी
मध्यप्रदेश के गुना में गरीब किसान के साथ पुलिस द्वारा की गई बर्बरता पूर्ण पिटाई की जितनी निंदा की जाए कम है।जिसकी वजह से किसान पुत्र की सरकार शर्मसार हुई है।भीड़ बनकर गई खाकी को कानून का जरा सी भी ख़्याल नहीं आया ।जिसने सरकार और स्वयं के साथ साथ कानून को भी शर्मिदा कर दिया है।भू राजस्व का सपोर्ट बनकर गई पुलिस ,उस अनुसूचित जाति के किसान पर भीड़ की तरह टूट पड़ी ।लाठी, डंडे, लात बरसाने वाली खाकी उन्माद भीड़ बन गई और बर्बरता व बेरहमी से पुलिस ने उस अन्नदाता की जमकर ,दौड़ा दौड़ा कर पिटाई की ।पुलिस के अनुसार वह किसान अतिक्रमण जमीन पर फसल कर रहा था ।किसान के मासूम बच्चों और परिवार के लाख गिड़गिड़ाने के बाद भी पुलिस के हाथ नहीं थमे ।किसान की तमाम गुहार कोशिशों के बावजूद भी पुलिस ने उसकी खड़ी फसल पर जेसीबी चला दी ।पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ किसान दंपत्ति ने खेत में ही कीटनाशक पी लिया।बच्चें माता पिता से लिपटते हुए बिलखते हुए रो रहे ,पुलिस के हाथ पैर जोड़ रहे ।लेकिन बर्बरता और बेरहमी से पिटाई कर रही खाकी को बिल्कुल रहम नहीं आया ।इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शिवराज सरकार की चारों तरफ से खूब आलोचना हो रही है । मायावती से लेकर राहुल गांधी ,कमलनाथ ,दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार को किसान दलित गरीब विरोधी कहा है ।
इस पूरी घटना ने महाराष्ट्र के खैरलांजी गांव में घटित हुई घटना को याद दिला दिया ।डॉ अरुंधति राय द्वारा लिखित' एक था डॉक्टर ,एक था संत' पुस्तक में वर्णित दलित सुरेखा भोतमाँगे नाम की महिला किसान की कैसे फसल,जमीन और परिवार को जाति के साए में दबंगों ने उजाड़ दिया ।सुरेखा एक शिक्षित अम्बेडकरवादी सोच और बौध्द महिला थी ।जिसने पढ़ लिखकर एक जमीन का टुकड़ा कथित सामान्य जातियों के बीच खरीद लिया ।जिसे भीड़,पुलिस,कानून ने तबाह कर दिया । पितृ सत्तात्मक सोच को चुनौती देने वाली सुरेखा की तरक्की सामान्य समाज के लोगों से देखी नहीं जा रहीं थी ।उसके खेत में पहले सड़क ,फिर बैलगाड़ी, उसके बाद मवेशी छोड़ दिये गए ।भीड़ ने सुरेखा उसकी बेटी प्रियंका के साथ कुकर्म किया ।पूरे परिवार को जला दिया । शर्मसार तो देश तब हुआ जब प्रेस ने इसे एक "नैतिक हत्या का मामला कहा"।
किसान पुत्र के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान को जब इस मामले कि भनक लगी तो उन्होंने तुरंत कार्यवाही करते हुए आईजी ,कलेक्टर,एसपी का तबादला कर दिया।वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कमेटी बना दी। समाज देश उस दिन फिर शर्मसार होगा जिस दिन गुना जगनपुर के किसान की इस दर्दनाक घटना को भी उच्च स्तरीय जांच द्वारा अतिक्रमण के नाम पर नैतिक करार दिया जाएगा।
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