ओली की बोली नेपाली

ओली की बोली नेपाली

भारत नेपाल संबधों का असर सीमावर्ती क्षेत्र के नागरिकों पर पड़ने लगा है।नेपाल ने फिर से भारत के साथ नया मसला खड़ा कर दिया है। इस बार नेपाल ने भारतीय सीमा के अंदर बनी सीता माता की गुफा पर दावा किया है।
 नेपाली प्रधानमंत्री ओली के विवादित बयान के बाद से ही नेपाल की तरफ से भारत को उकसाने वाला काम किये जा रहे है।

नेपालियों ने इंडो-नेपाल बॉर्डर  पर सीता माता की गुफा के पास लगे बॉर्डर पिलर को उखाड़ दिया है।पिलर नंबर 436 के उखाड़े जाने की खबर मिलते ही सीमा सुरक्षा बल के अफसर अपने जवानों के साथ मौके पर पहुंचे। 

सीता माता गुफा

सीता माता गुफा के बारे में कहा जाता है कि जब माता को अग्निपरीक्षा के बाद बनवास के लिए जाना पड़ा तो वो थोड़ी देर इस गुफा में रुकीं थीं और पूजा की थी। इसके बाद वो वाल्मीकि आश्रम के लिए प्रस्थान कर गईं। जिसे आज का वाल्मिकी नगर कहा जाता है ।नेपाल  के प्रधानमंत्री ओली ने झूठा इतिहास बनाते हुए ये कह दिया कि पहले ठोड़ी से लेकर वाल्मीकि नगर के वाल्मीकि आश्रम तक अयोध्या था।

ओली के सवाल और दावों का दम

जिस अयोध्या का दावा भारत के उत्तर प्रदेश में किया जाता है,वहां से सीता से विवाह करने भगवान राम जनकपुर कैसे आए?उस समय कोई फोन नहीं थे फिर उन्होंने संवाद कैसे किया?उस दौरान विवाह केवल पास के राज्यों में होते थे। कोई भी शादी करने के लिए इतनी दूर नहीं जाता था?

ओली की अयोध्या बीरगंज में 

ओली ने कहा- हमारा हमेशा से ही मानना रहा है कि हमने राजकुमार राम को सीता दी। लेकिन, हमने भगवान राम भी दिए। हमने राम अयोध्या से दिए, लेकिन भारत से नहीं। उन्होंने कहा कि अयोध्या काठमांडू से 135 किलोमीटर दूर बीरगंज का एक छोटा सा गांव थोरी था। हमारा सांस्कृतिक दमन किया गया और तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है।

ओली के उटपटांग बयान

नेपाल के पीएम ओली ने भारत से संबंध खराब करने के इरादे से कई  उटपटांग बयान दिए थे । ओली की बोली से अजब गजब बयान निकले ,जिनमें से एक उन्होंने भगवान राम को नेपाली बताया , साथ ही अयोध्या  को भी नेपाल में होना बताया ।
नेपाली पीएम के इस उटपटांग बयान के बाद से ही बिहार बॉर्डर पर नेपाली रोज नई नई हिमाकत कर रहे हैं। और उकसाने में ये घटना घटी है।

सीमा विवाद के बीच नेपाल ने एक और प्रोपोगेंडा  फैलाने शुरू कर दिया है। जिसमें नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने  कहा भगवान राम भारतीय नहीं, नेपाली थे। उन्होंने यह भी कहा कि असली अयोध्या भारत में नहीं, नेपाल के बीरगंज में है। इसके लिए ओली अयोध्या और राम  के नेपाली होने के संबंध में भ्रमित करने वाले प्रमाण इकट्ठे कर रहे है।
 उन्होंने भारत पर सांस्कृतिक दमन का आरोप भी मढ़ा है। ओली ने कहा कि विज्ञान के लिए नेपाल के योगदान को हमेशा नजरंदाज किया गया। 

सीमा पर विवादित बयान

ओली का बयान उस समय आया है, जब भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद चल रहा है। नेपाल ने अपने नए राजनीतिक नक्शे को मंजूरी दे दी है। इसमें तिब्बत, चीन और नेपाल से सटी सीमा पर स्थित भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा को नेपाल का हिस्सा दर्शाया गया है
भारत ने नेपाल की इस हरकत पर कड़ा ऐतराज जताया।और बिना चीन का नाम लिए कहा था कि नेपाल ऐसा दूसरों के कहने पर कर रहा है। इसके अलावा अपने ताजा बयान में ओली ने कहा- बाल्मीकि नगर जो वर्तमान में बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में है, उसका कुछ हिस्सा नेपाल में भी है।

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