विभाग बंटवारे पर शिवराज सिंधिया सहस्त्रबुध्दे में असहमति
बंटवारे में मंथन, वर्कआउट या सौदेबाजी
मध्यप्रदेश शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार का मामला जिस तरह से केंद्रीय नेतृत्व ने सुलझाया था, उसी तरह मंत्रियों के बीच विभाग के बंटवारे के मुद्दे को सुलझाने पर काम हो रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच इस मामले में भोपाल में प्रारंभिक चर्चा हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री रविवार को दिल्ली पहुंचे और उन्होंने केंद्रीय नेतृत्त्व से मुलाकात की ।
बताया जा रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ मंत्रियों और ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक कुछ मंत्रियों को बड़े विभाग देने को लेकर खींचतान है। मुख्यमंत्री वरिष्ठ मंत्रियों को उनके कद और अनुभव के हिसाब से विभाग देना चाहते हैं, जबकि सिंधिया समर्थक मंत्री दमदार विभाग चाहते हैं। सिंधिया समर्थक मंत्री किसी भी सूरत में कमलनाथ सरकार में मिले विभाग से कमतर पर सहमत नहीं हैं।
वर्कआउट के बाद बंटवारा
शिवराज मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे को टाला जा रहा है जिसमें एक दिन का समय और लग सकता है। पेंच में फंसे बंटवारे को लेकर हो रही टालमटोल और देरी ,विपक्ष को सरकार पर प्रश्न चिह्न खड़ा करने का मौका दे रही है । मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दो दिन के दिल्ली दौरे के बाद भोपाल वापस आ गए।विभाग बंटवारे को लेकर मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि वर्क आउट करने के बाद विभागों के बंटवारे हो जाएगे।
सौदे की सरकार, सौदे का मंत्रिमंडल,सौदे से बंटवारा- कमलनाथ
शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विभागों के बंटवारे में हो रही देरी पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उज्जैन में शिवराज सरकार को सौदे की सरकार बताया है,उन्होंने आगे कहा सौदे से मंत्रिमंडल बना है और विभागों के बंटवारे पर भी सौदा हो रहा है।
मध्य प्रदेश में करीब 100 दिन बाद शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार 2 जुलाई को हुआ था। मंत्रिमंडल में 28 मंत्रियों को शामिल किया गया गया था ।
इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि देर रात तक मंत्रियों में विभागों का बंटवारा हो जाएगा।लेकिन मुख्यमंत्री और ज्योतिरादित्य सिंधिया में अपने खेमे के मंत्रियों में विभागों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद 5 जुलाई को मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे पर केंद्रीय नेताओं से चर्चा करने दिल्ली चले गए। दो दिन के दिल्ली दौरे पर शिवराज सिंह ने राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति समेत तमाम केंद्रीय मंत्रियों के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से उनकी तीन बार मुलाकात हुई।सोमवार को दोपहर मुख्यमंत्री के वापस भोपाल आने का कार्यक्रम था। इसके बाद रात में तीन बार उनके वापस आने की खबर आई, पर नहीं लौट पाए। मुख्यमंत्री मंगलवार सुबह 11 बजे दिल्ली से वापस आए।
अटका बंटवारा
सूत्रों के हवाले से पता चल रहा है कि सिंधिया अपने खेमे के मंत्रियों के लिए तगड़ा विभाग चाहते हैं। दिल्ली में दो दिन की ताबड़तोड़ मुलाकातो के बाद भी यह निश्चय नहीं हो सका कि सांसद सिंधिया खेमे को कौन से विभाग दिए जाए? और अन्य बीजेपी मंत्रियों को कौन से विभाग, बताया जा रहा है कि ज्यादा झगड़ा मलाईदार विभागों के साथ राज्यमंत्रियों के लिए स्वतंत्र प्रभार को लेकर है।
मुख्यमंत्री चाहते है कि सिंधिया गुट के अलावा
कांग्रेस से भाजपा में आए हरदीप सिंह डंग, बिसाहूलाल सिंह और एंदल सिंह कंसाना को भी मुख्य विभाग वितरित किया जाए।
सिंधिया शिवराज सहस्त्रबुध्दे में संवाद, पर सहमति नहीं
देर रात सिंधिया और सहस्त्रबुद्धे के बीच विभागों को लेकर सहमति नहीं बन पाई.
शिवराज भी वजनदार विभाग अपने करीबी मंत्रियों के पास रखना चाहते हैं। केंद्रीय नेतृत्व इस पर तैयार नहीं हो रहा . केंद्रीय नेतृत्व उन पर राजी नहीं हो रहा है।हालांकि इस पर अंतिम निर्णय पार्टी को लेना है ।
खींचतान से ऊपजी देरी पर शत्रुहन सिन्हा ने भी ट्वीट कर बीजेपी सरकार को तीन धड़े में बताया है महाराज ,नाराज, और शिवराज
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