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Showing posts from November, 2020

मायाराम की मानवता

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पुराणों में अनेक कहानी मिलती है जिनमें पशुओं को बचाने भगवान धरती पर आते है ऐसा ही एक नजारा मुरैना जिले की ग्राम पंचायत दतहरा के ग्राम नरिहाई पुरा में देखने को मिला है । बेजुबान बेसहारा पशुओं की सेवा और रक्षा मानवता के लिए एक बडा पुण्य  का काम है । वहीं भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 (अ) के मुताबिक हर जीवित प्राणी  के प्रति सहानुभूति रखना भारत के हर नागरिक का मूल कर्तव्य है । गौतम बुध्द की करुणा महावीर जैन की अहिंसा भी भारत  को सेवा समर्पण सहयोग कि सीख देती है   नेकी औऱ फर्ज की मिशाल पेश करते हुए नरिहाई पुरा निवासी मायाराम  ने बताया कि जब वह घूमने के लिए अपने खेत गया था तो रास्ते  में एक घायल अवस्था  में नील गाय का बच्चा मिला था ।जिसे स्थानीय बोलचाल भाषा में रौझ  बोला जाता है जिसे कुत्ते काट रहे थे । श्री मायाराम जी के साथ शिक्षक रामनारायण ,रामसेवक ,आदित्य ने दौडकर  नीलगाय के बच्चे को बचाया । वे उसे उठाकर उचित स्थान पर ले गए जहां सब ने मिलकर बारिश से भीगे ठंड से कराहते मासूम नीलगाय के बच्चे को तपाया ,नजदीक तिवारी  पुरा गांव  में निवासरत पशु चिकित्सक श्याम लाल राजपूत को बुलाया । डॉ राजप

खुशी का दीपक

    कोरोनाकाल में पूरी दुनिया बुरे दौर से गुजर रही है। करोड़ो लोग दयनीय स्थिति में जी रहे है ।संकट की इस घड़ी में मानवता का एक दीप आपको जलाना है जो चेहरों पर खुशियों की रोशनी बिखेर दे। दुखिओं की अंधकार भरी जिंदगी में सुख का एक दीया,अपने दिलों में दान कर जलाए,चलों खुशियों की दीपावली मनाए और उम्मीदों का दीपक दुखियों के दिलों में सजोए, आओ सब मिलकर जरूरतमंद में खुशियां बांटे । दीपावाली हर घर और चौखट के साथ हर चेहरे को भी रोशन करने का दिन है ।आओ सब मिलकर संसार में सुख दुख बांटकर शांति की यात्रा पर चलते है।जीवन एक अवसर है जहां आपका चित ही आपका अस्तित्व है ।जिसके अंदर खुशियों की ज्योति हमेशा जलती रहे ।प्रकाशमान इस संपदा को दान करना है। आपको अंदर के इस दीप के साथ सदैव लौ और रोशनी की तरह जुड जाना है क्योंकि तुम्हारा मंदिर तुम्हारे अंदर है प्रत्येक व्यक्ति अपना मंदिर लेकर पैदा हुआ है, जिस सुख की तलाश में हम सब रहते है, ढूढंने पर वह उसी मंदिर में मिलता है, जो सब के अंदर है । हम सब को इस मंदिर में रोशनी फैलानी है । जीतने से पहले सीख लो लडाईयां  प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने व

सृष्टि प्रकृति संस्कृति संरक्षक आदिवासी को धर्म में मत बांधो

लव जिहाद के नाम पर हिंदुओं तथा कुछ संस्थाओं द्वारा आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करना अनुचित अकल्याणकारी   आपराधिक अन्याय है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अनुसार मात्र शादी के लिए धर्म बदलना गैरकानूनी है। ऐसे घिनौने कृत्य से राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत भी नाराज है ।संघ   अपनी सियासी ताकत वालों राज्यों में लव जिहाद के विरूध्द कानून लाने की तैयारी में है। संघ प्रमुख उन संस्थाओं पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है जो आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कराती है।हांलाकि इस संबंध में इन संस्थाओं पर सृष्टि औऱ प्रकृति   के संरक्षक को भ्रमित कर धर्म परिवर्तन करने का आरोप है।वहीं संघ   पवित्रता के साथ जीवन जीने वाले आदिवासी का धर्म 2021 जनगणना में हिंदू धर्म करने की पूरी कोशिश में है। जनहित जीना जनहित मरना ही प्रकृति संरक्षक का वास्तविक धर्म है। विश्व में किसी भी धर्म के आने से पहले सृष्टि प्रकृति संस्कृति का संरक्षक आदिवासी रहा है।ऐसे में जनगणना के सियासी डंडे और प्रशासनिक   स्तर पर आदिवासी को हिंदू लिखना उनकी मानवीय प्राकृतिक सोच के साथ खिलवाड है, जरूरत है तो प्रकृति की धरोहर संस्कृति के संरक्षण की