सेल्फ मोटिवेट बने_वर्ल्ड कैंसर डे
कैंसर के प्रति हर नागरिक को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जा जाता है जिसका उद्देश्य कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करना और कैंसर से होने वाली मौत की संख्या में कमी लाना है. वर्ल्ड कैंसर डे की थीम है "मैं हूं और मैं रहूंगा". इसी को ध्यान में रखते हुए कैंसर डे मनाया जाता है.देशभर में इस समय कैंसर रोगियों की संख्या 13.9 लाख है जो 2025 तक 15.9 लाख होने की संभावना है इसकी आंशका अक्टूबर 2020 में सामने आई नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट में की गई है यह रिपोर्ट 2012 से 2016 के बीच 58 शहरों के कैंसर ट्रेड के आधार पर तैयार की गई है.आईसीएमआर और एनसीडीआईआर की संयुक्त रिपोर्ट में मध्यप्रदेश का इकलौता शहर भोपाल शामिल किया गया था इस रिपोर्ट में अगले पांच साल में कैंसर भारत में अधिक मजबूती के साथ पैर पसारने का अनुमान लगाया गया है .साल दर साल कैंसर से पीडित मरीजों की संख्या बढ़ना चिंता का विषय है, जो दुनियां के किसी भी आयु के किसी भी व्यक्ति को हो सकता है
तम्बाकू का शौकीन भोपाल
नवाबों के शहर भोपाल में ज्यादातर लोंगो को तम्बाकू खाने का शौक है और यही शौक उसे कैंसर से पीडित कर देता है. भोपाल के पुरुषों में कैंसर के 54.9 फीसदी और महिलाओं में 17.7 फीसदी केसों के लिए अकेली तम्बाकू जिम्मेदार है.शहर में पुरूषों में मुंह कै कैंसर तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सर्वाधिक है .वहीं भारतीय पुरुषों में फेफडों का कैंसर सबसे अधिक पाया जाता है. भोपाल में ब्रेस्ट कैंसर 2.1 फीसदी से बढ़ रहे है. भोपाल में सालाना कैंसर के बढ़ते मामले चिंता का विषय है.2012 से 2015 तक भोपाल में कैंसर पीड़ितों की संख्या 7156 है इसमें पुरुषों की संख्या 3567 के साथ महिला कैंसर मरीजों की संख्या 3589 है.आंकड़ों में 45 से 54 साल के मरीजों की संख्या सर्वाधिक है. आंकडों के हिसाब और कैंसर की गंभीरता के लिहाज से भोपाल देश के संवेदनशील शहरों में शामिल है .
हर आठ मिनिट में एक मौत कैंसर
केंकडे की शक्ल में खूखार दिखने वाली कैंसर की तस्वीर हकीकत में भी जानलेवा और खतरनाक है .सही समय पर जानकारी और उपचार ना मिलने पर मरीज मौत के मुंह में समा जाता है . दुनियाभर में कैंसर से साल 2018 में 96 लाख से अधिक मौतें हो चुकी है .वही WHO के अनुसार हर साल होने वाली छह मौतो में से एक मौत कैंसर से होती है ..हर आठ मिनट में एक व्यक्ति की मौत कैंसर से हो रही है. विश्वभर में कैंसर मरीजों के आंकडों में अमेरिका चीन के बाद भारत तीसरे नंबर पर है. कैंसर के करीब दस लाख नए मामले हर साल भारत में दर्ज हो रहे है .
लोगों की बदलती दिनचर्या से पैर पसार रहे कैंसर को रोकने का सही उपाय सही समय पर जागरूकता जानकारी और इलाज है . अब जरूरत है हर नागरिक को अपने जीवन के लिए सेल्फ मोटिवेट बन कर दूसरों को प्रेरणा सबक सीख देने की.
लेखक
आनंद जोनवार
anandjonwar@gmail.com
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भोपाल
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