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Showing posts from February, 2021

शिवराज सरकार का स्थानीय बजट

कोरोना काल के बाद मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार का बज़ट 2 मार्च को विधानसभा में पेश होगा. केंद्र सरकार ने कोरोना की भयावहता को देखते हुए इसके लिए अलग से बजट पेश किया गया .फिर से  पैर पसार रहे कोरोना  को देखते हुए यह साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार केंद्र की तर्ज पर  कोरोना के लिए स्पेशल घोषणा करेगी .मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की क्राइसिस मैनेजमेंट के साथ बैठक से साफ संकेत है कि विधानसभा सदन में उम्मीद के मुताबिक कोरोना महामारी का जिक्र किया जाएगा और इसी आधार पर स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट पर अधिक ध्यान दिया जाएगा. बजट में हर जिले को मेडिकल कॉलेज मिल सकता है. वहीं चिकित्सा शिक्षा के नाम पर मेडिकल कॉलेजों को मिलने वाली राशि का स्वास्थ्य खर्च में संविलियन होने की आशंका है .आत्मभारत के सपने को साकार करने के लिए सरकार शिक्षा औऱ स्वास्थ्य पर विशेष फोकस करेगी. आत्मभारत की नींव स्थानीय चीजों को बढ़ाने के लिए शिवराज सरकार स्थानीयता पर फोकस करेगी. वहीं आने वाले स्थानीय चुनावों  की खातिर  सड़क स्कूल स्ट्रीट वेल्डर्स के लिए राज्य सरकार अलग पैकेज देने की  घोषणा कर सकती है नगर निगम शहरों मे

देश का पहला आधुनिक फॉसिल्स पार्क एमपी के मांडू में

मांडू में प्रदेश के पहले डायनासोर फॉसिल्स नेशनल पार्क का नवीनीकरण कार्य पूर्ण हो गया  है हम आपको बता दे धार के मांडू में तैयार हुआ डायनासोर पार्क देश का पहला आधुनिक फॉसिल्स पार्क है। पार्क एक बार फिर नए रूप में दिखाई देगा जिसे मांडू महोत्सव के साथ ही पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। .पर्यटकों के आकर्षण के लिए पार्क में बड़े स्तर पर नए प्रयोग किए गए हैं। मांडू महोत्सव का आयोजन 13 से 15 फरवरी तक किया जाएगा। जहां पर पर्यटकों को डायनासोर के 6.5 करोड़ साल के इतिहास की जानकारी मिलेगी। पर्यटकों को यहां पर डायनासोर के रहन- सहन, खानपान और उनके जीवन से जुड़ी जानकारी मिल सकी है पार्क में रखे डायनासोर के  अंडे और अन्य फॉसिल्स देखने को मिलेंगे। मुख्य गेट पर उडने वाले डायनासोर की कलाकृति  दर्शकों का स्वागत करती हुई दिखाई देगी. पार्क में दर्शकों के लिए सबसे रोचक स्थान हैंगिंग फ्लोर है, जिससे पर्यटकों को पहाड़ी किनारे खड़े होने पर भी पहाड़ी के बीच में खड़े होने का एहसास होगा। ....बच्चों के लिए विशेष फोकस  बच्चें पार्क में डायनासोर के फॉसिल्स देखने के साथ ही डायनासोर काल से लेकर अब तक की दुनिया के बारे में

किसान पहाड़ों के साथ सियासत के आंसू.

 समय समय पर आंसू  क्या बयान कर जाते है ये तो आंसू ही बता सकते है भारत में इस समय सियासत से लेकर विपक्ष ...किसान के रूप में टिकैत रो रहे है तो वहीं पहाड़ अपनी पीडा इंसान की बर्बादी के तौर पर जगजाहिर कर रहे हैं  सड़क से लेकर संसद तक .इंसानों से पहाड़ो तक  भारत में आंसूओं की गंगा बहने लगी हैं किसान से लेकर देश के प्रधानमंत्री के साथ विपक्ष के नेता आंसू बहा रहे हैं .कभी आंसू भावनाओं में बहते हैं तो कभी पीड़ा के जख्मों में .तरक्की और विकास के नाम पर सरकार और समाज ,प्रकृति से खिलवाड़ करते जा रहे है जो धरती को रास नहीं आया . पहाड़ों को पहाड़ जैसे जख्म हुए तो उनको भी आंसू आ गए उनके आंसूओं ने तो ऐसी तबाही मचायी की कश्मीर से कन्याकुमारी तक पूरे जिस्म में जख्म हो गए जिनकी चर्चा पूरे विश्व में शुरू हो गई ..विकास के नाम पर विकास की टिहरी चमोली जैसी प्राचीन बस्ती उजड़ गई ..और भागीरथी जटाओं में इंसानी सेंध लगा दी जिसने  इंसान को सोचने पर मजबूर कर दिया कि इंसानो को ही नहीं पहाड़ों को भी दर्द होता है  .राज्यसभा में मंगलवार को आतंकी घटना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी रो पड़े, उसी घटना को या

सेल्फ मोटिवेट बने_वर्ल्ड कैंसर डे

कैंसर के प्रति हर नागरिक को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जा जाता है जिसका उद्देश्य कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करना और कैंसर से होने वाली मौत की संख्या में कमी लाना है. वर्ल्ड कैंसर डे की थीम है "मैं हूं और मैं रहूंगा". इसी को ध्यान में रखते हुए कैंसर डे मनाया जाता है.देशभर में इस समय कैंसर रोगियों की संख्या 13.9 लाख है जो 2025 तक 15.9 लाख होने की संभावना है इसकी आंशका अक्टूबर 2020 में सामने आई नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट में की गई है  यह रिपोर्ट 2012 से 2016 के बीच 58 शहरों के कैंसर ट्रेड के आधार पर तैयार की गई है.आईसीएमआर और एनसीडीआईआर की संयुक्त रिपोर्ट में मध्यप्रदेश का इकलौता शहर भोपाल शामिल किया गया था  इस रिपोर्ट में अगले पांच साल में कैंसर भारत में अधिक मजबूती के साथ पैर पसारने का अनुमान लगाया गया है .साल दर साल कैंसर से पीडित मरीजों की संख्या बढ़ना चिंता का विषय है, जो दुनियां के किसी भी आयु के किसी भी व्यक्ति को हो सकता है तम्बाकू का शौकीन भोपाल  नवाबों के शहर भोपाल में ज्यादातर लोंगो को तम्बाकू खाने का शौक है और यही